
भारत के रक्षा क्षेत्र से संबंधित कंपनियों के शेयरों में बुधवार को जबरदस्त तेजी देखी गई। कुछ कंपनियों के शेयरों में तो 15% तक की बढ़ोतरी देखने को मिली। इस उछाल का मुख्य कारण रक्षा क्षेत्र से जुड़ी नई सरकारी नीतियां और भारत सरकार के बढ़ते रक्षा खर्च हैं। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी और उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार द्वारा किये गए निर्णय और नए आयात-निर्यात समझौते इस क्षेत्र को बढ़ावा देंगे।
इससे पहले, भारत सरकार ने “मेक इन इंडिया” योजना के तहत आत्मनिर्भरता की दिशा में कई कदम उठाए थे, जिससे रक्षा उत्पादन में वृद्धि हुई है। सरकार के इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए घरेलू रक्षा कंपनियों को ठेके दिए जा रहे हैं और विदेशी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा रही है। हाल ही में, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने भी कहा था कि भारत सरकार ने अगले कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र के लिए भारी निवेश का निर्णय लिया है। इस निवेश से भारतीय रक्षा कंपनियों को सशक्त बनाने के साथ-साथ नए अवसरों का सृजन होगा।
रक्षा क्षेत्र से संबंधित कंपनियों के शेयरों में तेजी का यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब सरकार ने स्वदेशी रक्षा उत्पादों के लिए नए कर लाभ और अधिक पूंजी आवंटन की घोषणा की। इन उपायों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया और कंपनियों के शेयरों में तेजी आई।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अब अपने रक्षा क्षेत्र को पूरी तरह से स्वदेशी बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि इसके माध्यम से न केवल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है, बल्कि रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। इन सकारात्मक संकेतों के कारण निवेशकों ने रक्षा कंपनियों की तरफ रुख किया है, और इसी कारण से उनकी शेयर कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला।
शेयर बाजार में उछाल आने के बाद, इन कंपनियों ने आगे आने वाले वर्षों में वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने के लिए नए उत्पादन संयंत्रों और उपकरणों की खरीदारी पर भी विचार करना शुरू किया है। इससे और अधिक रोजगार सृजन की संभावना बनी है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय रक्षा समझौतों और निर्यात के रास्ते भी खुलने की उम्मीद है, जो भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर देंगे।